"दुनिया में एक सच्चा साथी: यात्रा ईमान और दोस्ती की":"Finding a True Companion in a Lost World: A Journey of Faith and Friendship"
सच्चा साथी
दुनिया मे एक सच्चा साथी सच्चा साथ निभाएगा
भटक गयी गर राह तेरी कोई
अपना राह दिखाएगा
तेरे मन के मैले पापों को
कैसे कोई "संगम" साफ़ करे
कुछ नेक लिखे तू अपनी कलम
से तेरा रब इन्साफ़ करे
तू अपने सफ़र की सारी सीढी
खुद ही चढता जाएगा
गर पडी जरुरत राहों मै कोई
अपना साथ निभाएगा
दुनिया मे एक सच्चा साथी
सच्चा साथ निभाएगा
भटक गयी गर राह तेरी कोई
अपना राह दिखाएगा
तेरी बातें सुनकर जागा हूँ
मुझे सोने से कब फ़ुरसत थी
मिल गया खुदा तेरी बातों
मे बस यही तो मेरी हसरत थी
इसी बात को लेकर चिंतित था
के कौन मुझे समझाएगा
दुनिया मे एक सच्चा साथी
सच्चा साथ निभाएगा
भटक गयी गर राह तेरी कोई
अपना राह दिखाएगा
तेरी कलम ही तेरी ताक़त हो
तू चाँद भी नीचे ले आये
तू लिखे शुद्ध पवित्र
बातें तेरी वाणी मे ना अंतर आये
तेरे नाम का ही उच्चारण हर
जन के लब पर आयेगा
दुनिया मे एक सच्चा साथी
सच्चा साथ निभाएगा
भटक गयी गर राह तेरी कोई
अपना राह दिखाएगा
ऐसा नही,
मै लिखता हूँ तेरी
बातों से ही सीखा हूँ
तेरे अंदर हूँ तेरा अपना
हूँ ना ही कोई बैर सरीखा हूँ
मन है तेरा पावन है पावन
ही फैलाएगा
दुनिया मे एक सच्चा साथी
सच्चा साथ निभाएगा
भटक गयी गर राह तेरी कोई
अपना राह दिखाएगा
तेरी राहों मे मै
"दीप" प्रेम के लाख जलाकर बैठा हूँ
इस मिट्टी को स्वर्ग बना
मै "नैन" लगाकर बैठा हूँ
कुछ कलम मेरी भी शुद्ध हो
"मालिक" तेरी डगर पे चलकर
मैं "जाँगडा"
तेरी बातों से बडी आस लगाकर बैठा हूँ
Deep Jangra
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