युवाओं में लगी विदेश जाने की होड़ : विदेश जाने के लिए कुछ भी करेंगे युवा | Videsh Jane Ka Bukhaar: विदेश के लिए युवाओं का पागलपन



युवाओं में लगी विदेश जाने की होड़ : विदेश जाने के लिए कुछ भी करेंगे युवा | Videsh Jane Ka Bukhaar: विदेश के लिए युवाओं का पागलपन 

नमस्कार साथियों 

आज हम एक बहुत ही अजीबो गरीब और बहुत ही घातक विषय पर बात करेंगे |

आज के समय में विदेश जाने की मानो एक होड़ ही लगी हुई है, खासकर हरियाणा में, वैसे तो देश के हर हिस्से में हो रहा है परन्तु वहां से ज्यादा गैर कानूनी तरीकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता जितना हरियाणा व पंजाब में किया जाता है | इसी विषय में आज आपके साथ बहुत ही जरुरी जानकारी सांझा करेंगे और आपको हर एक पॉइंट और पहलु समझाने की कोशिश करेंगे |

1. विदेश जाने की होड़ :

    जैसा की आप सभी जानते हैं आजकल बच्चे 12वीं पास करते ही अलग अलग क्षेत्र में बाहर जाने की तैयारी शुरू कर देते हैं | जिन बच्चों की पढ़ाई में रुचि हैं वह अपने एडमिशन के लिए जद्दोजेहद शुरू कर देते हैं व जो लोग नकारा होते हैं (देखिये नकारा शब्द का इस्तेमाल एक विशेष वर्ग के बच्चों या युवकों के लिए किया गया है उसका उल्लेख आगे करूंगा ) वह वर्क परमिट या फिर किसी गलत तरीके से बाहर जाने की अपनी कवायद शुरू कर देते हैं | अब जिनको पढ़ाई के लिए जाना है वह अपने सम्बंधित महाविद्यालय या यूनिवर्सिटी से संपर्क करते हैं जिनका एडमिशन होता है वह अपने जाने की तैयारी में लग जाते हैं | और अपनी औपचारिकताए पूर्ण करने लग जाते हैं | ऐसे ही जो लोग किसी भी कार्य में कुशल हैं वह अपने कोशल के हिसाब से सम्बंदित देशों में अपने आवेदन करते हैं व अपनी अपनी औपचारिकताओं में लग जाते हैं | इसके विपरीत वो वर्ग जिसको मैने नकारा बोला है अब उसकी बात करते हैं देखिये समझने की कोशिश कीजिएगा देखिये यह वह वर्ग है जिस से घर वाले बिलकुल परेशान होते हैं व घर में पैसों की कोई कमी नहीं होती लेकिन यह वर्ग भी जाता गैर कानूनी तरीके से ही है | यह लोग आनन् फानन में किसी ऐसे वैसे एजेंट को मिलते हैं व अपने विदेश जाने की प्रतिक्रिया शुरू कर देते हैं | 

जो गैर कानूनी तरीके से बाहर जाने का विचार बनाते हैं अब इनके सामने कई सारी समस्याएं आती है जो आपको बारी बारी से बताता हूँ :

a) एजेंट सिलेक्शन : इस प्रक्रिया में एजेंट सिलेक्शन एक मुख्य घटक है, यदि यहाँ पर ही गलती हो जाए तो पछतावे के अलावा हाथ कुछ नही आता बहुत ही केसों में देखा गया है की ऐसे एजेंट बच्चों को बाहर भेजने के नाम पर लाखों रुपये एन्ठ लेते हैं व बाद में दिल्ली से जयपुर व जयपुर से बंगलौर या साउथ इण्डिया के एनी किसी शहर में छोड़ देते हैं व पासपोर्ट इत्यादि छीन लेते हैं | ऐसे भी केस हैं जिनमें युवाओं को दुबई या न्य किसी गल्फ देश में जाकर छोड़ दिया जाता है व बाद में ऐसे लोग और पैसे की मांग करते हैं या बाहर जाने वाले लड़कों या बच्चों को मार भी देते हैं | इसके अलावा जो लोग इनके चंगुल से निकलकर मक्सिको के राते निकल जाते हैं वो वहां के गहरे जंगलों में जानवरों का शिकार हो जाते हैं या वहां के स्थाई गैंगस्टर्स के हत्थे चढ़ जाते हैं व फिर उनसे लाखों रुपये मंगवाए जाते हैं | कई बार ऐसा भी देखने को मिला है की रुपये ना मिलने की सूरत में अभियुक्तों को जान से मार दिया जाता है व परिवार को सालों तक पता भी नहीं चल पाता और मृतक की देह वहीँ जंगलों में सड जाती है व परिवार को कुछ हासिल नहीं होता, पैसे भी जाते हैं और बच्चे भी | यह एक भयानक सत्य है जिसको नकारा नहीं जा सकता |

b) पैसे की बर्बादी : यह भी इसका एक पहलु है कुछ लोग फर्जी एजेंट बनकर लोगों को अपने झांसे में लेते हैं और विदेशों में काम दिलवाने की एवज में लाखों रुपये हड़प लेते हैं ऐसे केस सामान्य ही मिल जाते हैं | अमूमन एक अभियुक्त को विदेश भेजने की एवज में 35 लाख रुपये से 50 लाख रुपये में विदेश भेजने का सौदा तय होता है | तो आपसे यह निवेदन है ऐसे ठगों की पहचान की जाए व ऐसे लोगों से बचा जाए और अभिभावकों से यह प्रार्थना है की अपने बच्चों को मेहनत के बलबूते विदेश जाने के लिए सक्षम बनाए ना की पैसे के बलबूते पर |

c) पुलिस की मिलीभगत : यह बात आंकड़ों के आधार पर की जा रही है इसकी पुष्टि मामलों में पुलिस की संलिप्तता के आधार पर की जाती है | बहुत सारे केसों में पाया गया है की एजेंट पुलिस को कुछ पैसे देकर अपने हक में ले लेते हैं जिस कारण आम लोगों को पुलिस की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है | हाल ही में हरियाणा के माननीय गृह मंत्री श्री अनिल विज के निवास पर कुल 100 प्रार्थियों में से इसी प्रकार के केसों में पुलिस की संलिप्तता के कुल 80 मामलों की शिकायत दी गई जिस से पता चलता है की इस प्रकार के मामलों में पुलिस की भी भूमिका होती है | आइये समझते हैं मान लीजिये किसी अभिभावक ने अपने बच्चे को या लड़के को बाहर भेजने के लिए 40 लाख रुपये दिए हैं तो यदि एजेंट पुलिस को 5 लाख रुपये दे देते हैं तो पुलिस तो कोई कार्यवाही करेगी ही नहीं | इसी कारण पुलिस की इसमें भूमिका संदेहित है |

2. युवाओं की मानसिकता : आजकल के दौर में युवाओं को बाहर जाने के लिए वहां का कल्चर भी आकर्षित कर रहा है | काम के लिए तो 50 प्रतिशत से भी कम लोग ही जाते हैं या जाने का प्रयत्न करते हैं | बता दूं की आजकल युवाओं की मानकिकता का गिरता स्तर व परिवारों का पत्तन भी इसका एक मूल कारण है | देखा गया है की बहुत से युवा अपने परिजनों पर दबाव बनाकर जाने देने को मजबूर कर देते हैं ऐसी स्थिति में परिजनों को अपनी पुश्तैनी जमीनें तक बेचनी पड़ती हैं | रही बात विदेश में काम करने की जो युवा आज से 20 साल पहले अपने खेतों को अपनी विरासत समझकर कार्य करते थे आज वैसा माहौल नहीं रहा | आज का युवा पैसे तो कमाना चाहता है भरपूर परन्तु मेहनत नहीं कर सकता, और परिवार के बंधनों से मुक्त होने की चाह में ही आजकल के युवा ऐसे कदम उठाते हैं यह बातें सभी पर लागु नहीं होती परन्तु बहुतायत यही कारण हैं | ऐसा देखा जाता है के माता पिता के अंतिम संस्कार को भी किसी संस्था के माध्यम से करवाया जाने लगा है | इसका एक मूल कारण यह है की अगर आप गैर कानूनी ढंग से विदेश चले जाते हैं तो आपको वहां चोरों की तरह रहना पड़ता है आप कम से कम 10 साल के लिए एक प्रकार से कैद हो जाते हैं जिस कारण परिवार से मोह या तो ख़त्म ही हो जाता है या फिर मजबूरी में मन मारकर मजबूरी में ऐसा करना ही पड़ता है अतः यह विषय बहुत ही दुखदाई व इमोशनल कर देता है |

3. सरकार की गलत नीतियाँ : बहुत से ऐसे कारक हैं जिस से सरकार को दोषी ठहराया जाना जायज हैं आपने गौर किया होगा की हमारे आस पडौस में ऐसे बोहत से युवा मिल जायेंगे जो अक्सर बोलते हैं की मैं तो बाहर ही चला जाउंगा | इसका मुख्य कारण है बेरोजगारी, बेरोजगारी के कारण भी बहुत से पढ़े लिखे युवा ऐसे विदेश जाने की सोच रहे हैं परन्तु सभी के पास संशाधन नहीं होने के कारण और प्रयाप्त धन न होने के कारण गल्फ देशों की ओर रुख करना पड़ता है | हमारे यहाँ के हालत अगर देखें जाए तो सरकारें विभिन्न पदों पर भर्तियाँ तो निकाल देती हैं परन्तु उन्हें पूरा करने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है और उसके बाद कभी पेपर लीक कभी भर्तियाँ रद्द तो कभी भ्रष्टाचार युवाओं को कमजोर कर देता है | बहुत सी ऐसी भर्तियाँ हैं जो पिछले काफी समय से लंबित पड़ी हुई हैं ऐसे में या तो युवाओं की उम्र निकल जाती है या वह भारती कैंसिल हो जाती है विदेश की तरफ युवाओं की रूचि का यह भी एक प्रमुख कारण है |

4. पश्चिमी सभ्यता का आकर्षण : यह एक प्रमुख कारण तो नहीं है परन्तु बहुत लोगों की प्राथमिकता सिर्फ यहाँ का खुलापन व आज़ाद जीवन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है | परन्तु इस प्रकार के केस कम ही होते हैं अन्यथा विदेशों में किसी को ऐसे मौज करवाना कोई रिश्तेदार या दोस्त नहीं चाहेगा | अतः इस कारण को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा सकता जिसके पास प्रयाप्त संसाधन है वह जाते हैं |


PR ( Permanent Resident) के लिए जुगाड़ :

अब बात करते हैं विदेश में 2-4 साल पहले जा चुके लोगों के बारे में इनका उल्लेख ही इस लेख का निष्कर्ष है अतः अंत में हा बात करते हैं उन लोगों की जो दो चार साल पहले या उस से अधिक पहले किसी भी देश में जाकर रह रहे हैं अब उनको सबसे बड़ी चिंता है यहाँ पर PR (Permanent Resident) कैसे प्राप्त करें| इसके लिए आपको आधुनिक फ्लैशबैक में जाना पड़ेगा आधिनिक फ्लैशबैक मतलब के आप जब विदेश में गए थे जब आप एक FIR लगाकर गए थे किसी एक राजनैतिक पार्टी के खिलाफ वो कोई भी हो सकती है जो मौजूदा हो | उस FIR में यह सम्पूर्ण विवरण दिया गया था की आप किसी दूसरी पार्टी के कार्यकर्ता थे उस दौरान उस समय की मौजूदा राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आपके साथ मारपीट की व आपको जान से मारने की धमकी दी | इस प्रकार की परिस्थितियों को दिखाकर आप विदेश निकल गए जहाँ पर आप खुश है इसी लिए आप वापिस भारत नहीं जाना चाहते क्योंकि यदि आप वापिस भारत गये तो उक्त राजनैतिक पार्टी के लोग आपको जान से मार देंगे | यह पूरा प्रपंच रच कर व पूरी strategy बनाकर ही आपने देश छोड़ा था ताकि वहां एक दो साल होते ही या फिर गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं पकडे जाते ही यह दाव खेल देंगे इसका पूरा प्लान बनाकर ही आजकल लोग विदेशों का रुख कर रहे हैं | 

तो यह थी आज की बात बाकी आपको बताना है बात कैसी लगी 

जय हिन्द जय भारत 

नमस्कार 


 

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