दादा लाई बैर

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आज बैर की कहाणी सुण बैर की ज़ुबानी
खप ज्यां सै सारे आंवैं जुंणसे भी स्याहमी
तीराँ के रै हक़ तलवार देंदी फिरया करै
लाल जिसका भी जावै आवै घर मैं सुनामी
भूल कै भी किसे का रै लाल ना खपाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
पत्थराँ के कालजे भी नम होते देख लिए
आसमान पै तै गिर कै धड़म होते देख लिए
माटी नै भी आग दें लावारिस की ढालां
रै जो बणे थे समुन्दर ख़त्म होते देख लिए
तिसाया रह इन पाणियाँ तै प्यास ना मिटाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
कोई ना सै जग मैं ख़लीफ़ा और बढ़ कै
सब का वो लेखा जोखा राखै राम घड़ कै
बेशक़ तू नौड़ ज्यागा छटे आसमान पै
भगवान तै नी बणै पर च्यार जून पढ़ कै
इसे ज्ञान तै तो ठीक बिना पढ़े रह जाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
बैर का होवै बैर उरै पड़या रह ज्या है
कुणबे वीरान रै मकान खड़ा रह जया है
इज्ज़त का के है वा तो आणि जाणी चीज
डर के माहौल मैं निड़र पड़्या रह जया है
इसी सोच आले टिंगरां तै यारी ना लगाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
एक पाछली उतारै एक नई नै चढ़ावैगा
दो गिरैंगी लाश गोली एक तू चलावैगा
तेरै भी तो तेरे जिसा लाल एक जाम्मेगा
सिखाण की ना लोड़ रै वो आपै सीख जावैगा
इसे घरां मैं सपूत होवैं आस ना बँधाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
सांप तो लिकड़ जया सै पैड पीटे जावैं सै
सारी हाण आंख्यां के मैं बैर दिखे जावै सै
चाकी पै ऐ धरया रह जया छोरे पिसणा
ख़ून के तिसायाँ नै रै क़हर दिखे जावै सै
चुप खड़्या रहिये पर हक़ ना दबाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
आणि जाणि बात ना सै माणस खपा ज्या सै
भूखे बैठे टाबरां की आंखां नै गड़ा ज्या सै
बदमाशी मैं खपावै बेटा बाप की कमाई नै
आँसुआ की नहर नै दिमाग़ मैं चढ़ा ज्या सै
"दीप" मां का दूध बाप का प्यार ना लुटाइये
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
जवानी आले दिनां नै के देख कै करैगा वो
मार देगा किसे नै फेर अगले दिन मरैगा वो
ईसा क्यों माहौल देकै जाणा सै औलाद तै
रोक ले नै झाल तू जब्बे मौत तै डरैगा वो
माँ बाबू चाहवैं थे वा लाठी बण ज्याइये
बुढ़ापे मैं तू थाणे रै तहसील ना दिखाइए
जै पूगै ना बादाम बेटे चणे चाब ल्यांगे
दिखावे मैं तू दादा लाई बैर ना कमाइए
©दीप जांगड़ा

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