ब्याह
*************ब्याह**********
बड़ा भाई जब ब्याहा था
मेरा भी नंबर आणा था
बाबू उम्र का तान्ना देग्या
बोल्या तू बेटे याणा था
इस चक्कर मैं आकै देखो
याणी स्याणी लिकड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
ताऊ का छोरा गेडे लेग्या
ताई नै सूत बिठाई कोन्या
मेरे तै बोल्ली बात करूंगी
पर आगै बात चलाई कोन्या
बाट बाट मैं यारो फेर वा
काले की साली लिकड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
छोटे आले नै देखण खातर
जब रोहतक तै आए थे
टीका कर कै छोटे कै फेर
मेरी ओड नै लखाए थे
मन मैं लाडू फुट्या रै वा
चंभो चाली लिकड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
बिहार कान्या रुख होया
बिचौला ले कै बैठ गया
आज ल्याऊं कल ल्याऊं
अस्सी हजार ऐंठ गया
बन्नो आवण का टेम होया तो
रपियां पै कहाणी बिगड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
इब समझ मैं आवाण लागी
कुछ ना सै ब्याह के रौले मैं
एक धोती कुर्ता दो बर्तन
इब धर कै चालया झौले मैं
दीप जांगड़ा कर कै खाणा
भाई उमर या बाली लिकड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
ब्याह करणा है ब्याह करवै दयो
कितणी दीवाली लिकड़ गई
नए नवेले रिश्ते की चाह मैं
देखी भाली लिकड़ गई
दीप जांगड़ा
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