देखी जागी
देखी जागी
चैन के दिन रात मिलणे चाहिए
मुश्किल काम की है, देखी जागी
औलाद नै संस्कार देते रहियो रैए
इज्जत नाम की है, देखी जागी
दूसरे का माड़ा ना सोचो ना करो
ज़बान चाम की है,देखी जागी
घणे हाँडै हैं रपीए क़ै पाच्छै बावले
रिश्तेदारी हराम की हैं, देखी जागी
मज़बूत ज़िगर के माणस भी हारैं
बात गुमनाम की हैं, देखी जागी
सियासत चमकाण लिकडे घर तै
काम तमाम की है, देखी जागी
बीमारियां के टीके लगवाते फिरैं
मर्ज जुखाम की है, देखी जागी
दिन तो लिकडे गया ओखा सौखा
रात इम्तिहान की है, देखी जागी
:-दीप जांगड़ा
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