मुँह पै उलाहणा कह दयान्गे
हूनर क़लम नै ले बैठया भाई गन्दा गाणा कह दयान्गे पीस्यां के सब लाडे होगे मुँह पै उलाहणा कह दयान्गे
लाड़ो नै माशूक़ बणा कै नाम गीत का धरण लाग गे
सुथरे सैं संस्कार लाड़लयो रिश्ते आपे मरण लाग गे
कुणसी पढ़ाई पढ़ कै आये यें फुकरे ऊत बेकार सैं
जै इसे बिकैंगे बोल इंनै क्यूकर हरियाणा कह दयान्गे
किसी सियासत पाली रै या रे रे माटी करण लाग री
पैर ज़ुल्म का ऊँचा होरया इंसानियत मरण लाग री
किसा पाप हकूमत भरण लाग री कौण करैगा मोल
रै ख़ून दूध तै सस्ता होग्या सब देखैं अखियाँ खोल
छोड़ दिया इन बीरां नै कतिऐ शरमाणा कह दयान्गे
बीज खिंडा कै भूखा सोवै फ़सल काट ले साहूकारा
दो बूँद पड़ै तो नीचै आवैं टपके जावै ढूंढ भी सारा
फ़ैल हो लिया ज़िमीदारा घणी दलाली होण लाग गी
घणा उगाया स्योना इब या धरती माँ भी रोण लाग गी
साल जलै सै खाल ना कुछ भी आणा जाणा कह दयान्गे
बेच ज़मीन हथियार टंगै सैं फ़ेर मार गरीब पै गेर देवैं
कोई पूत खपै सै नशे गेल कोई जड़ को दाती फेर देवैं
कंई बात कोई काळजै गेर लेवैं राह पकडैं सैं मौतां का
कुछ लालच के बस जांवै कोई भेद पटै ना बोहतां का
दीप उजड़ ली दुनिया इब तो सुख तै बसाणा कह दयान्गे
हूनर क़लम नै ले बैठया भाई गन्दा गाणा कह दयान्गे
पीस्यां के सब लाडे होगे मुँह पै उलाहणा कह दयान्गे
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