मुद्दई
मुद्दई तो इब सबका भला मनाणा चाहवै सै
माडा करण आले तो परिवार मैं बोहत हैं
टेम देख कै टेम काटण आले हैं रै आज भी
लाशां पै मंडे शेकणीया तो सरकार मैं बोहत हैं
छोटी छोटी बातां मैं ढूंढ उजड़ण लाग गए
घर नै बसाण आले तो तकरार मैं बोहत हैं
लोग दिख्यावे मैं करजाई होंण लागी दुनिया
अर पेट भरण के मारे भी उधार मैं बोहत हैं
कोई कोई भागां आली देहि स्याहमी आवै
जिस्मां नै कुचलण आले कार मैं बोहत हैं
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